Pm Kisan 2025 प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना ने अपनी 19वीं किस्त सफलतापूर्वक जारी कर दी है, जिससे देशभर के करोड़ों किसानों को आर्थिक सहायता मिली है। यह योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस लेख में, हम पीएम-किसान योजना की 19वीं किस्त, इसकी विशेषताएँ, लाभ, और इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 24 फरवरी, 2025 को बिहार के भागलपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 19वीं किस्त जारी की। इस कार्यक्रम के दौरान देशभर में 2.41 करोड़ महिला किसानों सहित 9.8 करोड़ से अधिक किसान 19वीं किस्त जारी होने से लाभान्वित होंगे, उन्हें बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से ₹22,000 करोड़ से अधिक की प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जो किसान कल्याण और कृषि समृद्धि के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।[1] इस किस्त के साथ, यह योजना देश भर के किसानों का समर्थन करेगी और ग्रामीण विकास और कृषि समृद्धि के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी।
Pm Kisan 2025
इससे पहले, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 5 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के वाशिम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी की थी। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देश भर के 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ प्राप्त हुआ, जिसकी राशि ₹20,000 करोड़ से अधिक थी।[2]
Pm Kisan 2025 पीएम-किसान योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे माननीय प्रधानमंत्री ने फरवरी 2019 में भूमि-धारक किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू किया था। इस योजना के तहत, किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है।[3]
किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना का लाभ बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के देश भर के सभी किसानों तक पहुंचे। लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए, भारत सरकार ने फरवरी 2025 तक, स्थापना के बाद से 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है।[4]
उद्देश्य
छोटे और सीमांत किसानों (एसएमएफ) की आय बढ़ाने के उद्देश्य से, पीएम-किसान योजना का उद्देश्य है:
Pm Kisan 2025 प्रत्येक फसल चक्र के अंत में प्रत्याशित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य और उचित उपज सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न इनपुट की खरीद में एसएमएफ की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना।
यह उन्हें ऐसे खर्चों को पूरा करने के लिए साहूकारों के चंगुल में फंसने से भी बचाएगा और खेती की गतिविधियों में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करेगा।[5]
तकनीकी प्रगति Pm Kisan 2025
योजना को और अधिक कुशल, प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से, किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे में निरंतर सुधार किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के देश भर के सभी किसानों तक पहुंचे।
पीएम-किसान मोबाइल ऐप 24 फरवरी 2020 को लॉन्च किया गया था। इसे ज़्यादा पारदर्शिता और ज़्यादा किसानों तक पहुँचने पर ज़ोर देते हुए विकसित किया गया है। पीएम-किसान मोबाइल ऐप, पीएम-किसान वेब पोर्टल का एक सरल और कुशल विस्तार है।[6] 2023 में, ऐप को एक अतिरिक्त “फेस ऑथेंटिकेशन फ़ीचर” के साथ लॉन्च किया गया था। इससे दूरदराज के किसान बिना ओटीपी या फिंगरप्रिंट के अपना चेहरा स्कैन करके ई-केवाईसी कर सकते हैं।
पीएम-किसान योजना का परिचय
Pm Kisan 2025 प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत फरवरी 2019 में केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इस योजना के तहत, पात्र किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि तीन समान किस्तों में प्रदान की जाती है। प्रत्येक किस्त 2,000 रुपये की होती है, जो सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और उन्हें कृषि संबंधी खर्चों में सहायता प्रदान करना है।
19वीं किस्त की घोषणा और वितरण
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी 2025 को बिहार दौरे के दौरान पीएम-किसान योजना की 19वीं किस्त जारी करेंगे। इससे पहले, 18वीं किस्त 15 अक्टूबर 2024 को जारी की गई थी। 19वीं किस्त के तहत, पात्र किसानों के बैंक खातों में 2,000 रुपये की राशि सीधे ट्रांसफर की गई है। इससे देशभर के लाखों किसानों को लाभ मिला है, जिससे वे अपनी कृषि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
किस्त प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तें
तकनीकी प्रगति
Pm Kisan 2025 पीएम-किसान योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण शर्तें पूरी करनी होती हैं:
- ई-केवाईसी (e-KYC): सभी लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया पीएम-किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर की जा सकती है। ई-केवाईसी का उद्देश्य लाभार्थियों की पहचान सत्यापित करना है, ताकि योजना का लाभ सही व्यक्तियों तक पहुंचे।
- आधार सीडिंग: किसानों के बैंक खाते को उनके आधार नंबर से लिंक करना आवश्यक है। इससे सुनिश्चित होता है कि किस्त की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर हो सके।
- भूमि रिकॉर्ड का सत्यापन: किसानों के भूमि रिकॉर्ड का सत्यापन राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल पात्र किसान ही योजना का लाभ प्राप्त करें।
Pm Kisan 2025 किस्त की स्थिति कैसे जांचें
किसान अपनी किस्त की स्थिति ऑनलाइन जांच सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- पीएम-किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं।
- होम पेज पर ‘लाभार्थी स्थिति’ (Beneficiary Status) विकल्प पर क्लिक करें।
- अपना आधार नंबर, बैंक खाता संख्या या मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- ‘डेटा प्राप्त करें’ (Get Data) बटन पर क्लिक करें।
इस प्रक्रिया के माध्यम से, किसान अपनी किस्त की वर्तमान स्थिति और अन्य संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
योजना के लाभ और प्रभाव
Pm Kisan 2025 पीएम-किसान योजना ने देश के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस योजना के माध्यम से:
- आर्थिक सहायता: Pm Kisan 2025 किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है, जिससे वे बीज, खाद, कीटनाशक आदि की खरीद कर सकते हैं।
- आय में वृद्धि: योजना से किसानों की आय में वृद्धि हुई है, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
- कर्ज पर निर्भरता में कमी: आर्थिक सहायता मिलने से किसानों की कर्ज पर निर्भरता कम हुई है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
- कृषि उत्पादन में वृद्धि: Pm Kisan 2025 योजना से किसानों को समय पर संसाधन उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हो रही है।
चुनौतियाँ और समाधान
Pm Kisan 2025 हालांकि पीएम-किसान योजना ने व्यापक सफलता हासिल की है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं:
- ई-केवाईसी और आधार सीडिंग में देरी: कई किसानों को ई-केवाईसी और आधार सीडिंग प्रक्रिया में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जिससे किस्त मिलने में देरी हुई है।
- भूमि रिकॉर्ड का अद्यतन न होना: कई राज्यों में भूमि रिकॉर्ड का अद्यतन न होने के कारण पात्र किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इन चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
- सुविधाजनक ई-केवाईसी प्रक्रिया: सरकार ने ई-केवाईसी प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प प्रदान किए हैं।
- राज्य सरकारों के साथ समन्वय: केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर भूमि रिकॉर्ड के अद्यतन और सत्यापन की प्रक्रिया को तेज कर रही है, ताकि अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिल सके।
भविष्य की दिशा
Pm Kisan 2025 पीएम-किसान योजना की सफलता को देखते हुए, सरकार भविष्य में इसे और अधिक व्यापक बनाने की योजना बना रही है। इसके तहत:
- अधिक किसानों को शामिल करना: योजना का दायरा बढ़ाकर उन किसानों को